राम नाम सत्य है..
राम नाम सत्य है, सत्य बोलो मुक्ति है,
जो निभाई जा रही है वो अंध भक्ति है,
प्रजा मर रही सड़कों पर बिन साँसों के,
फिर भी राज्य चल रहा, ये कैसी शक्ति है,
भूखे पेट हफ़्तों से कोठरियों में कहीं,
2 रोटी की आस में नन्हीं आँखें तकती है,
राज्य कोष बिक रहा, बेचने वाले जयचंद,
कोई अब इन्हें ताकत नहीं रोक सकती है,
जो भी बोलने चला, इस समर के बारे में,
उसको भी लपेटकर मृत्यु जकड़ती है,
चुनाव राग उठ रहे, हैं जो हर दिशाओं में,
उन्हीं जगह पर प्रजा श्मशान पकड़ती है,
कफ़न में भी दलाल कर रहे व्यापार है,
अब तो बिछड़कर रूह भी अकड़ती है,
राम नाम सत्य है, सत्य बोलो मुक्ति है,
जो निभाई जा रही है वो अंध भक्ति है।
उत्साही
No comments:
Post a Comment