Friday, 22 January 2021

नेताजी

 समर अजब-सा छिड़ा हुआ,
थी अग्नि रण में भभकती हुई,
किसी का तेज डगमगा गया,
किसी के होश जब थे उड़ गए,
तब बंगाल की कोख से
एक अजेय वीर ने जन्म लिया,
*जय हिंद* का नारा देकर जिसने,
हिन्दुस्तान को अमर किया,
रहे कहीं भी, किसी भी कोने में,
गर्व था उनको भारतीय होने में,
आज़ाद हिंद फौज का गठन कर,
अंग्रेज़ों को खूब परेशान किया,
ऐसी सेना अमर है इतिहास में,
जिसने इतनी संख्या में बलिदान दिया
खून के बदले आज़ादी देने,
बर्मा में जब ज्ञान दिया,
सब जागे देश की ख़ातिर,
सबने ख़ुद को तैयार किया,
लड़े, आखिरी दम तक वो,
सावरकर ने भी तैलचित्र से,
था नेताजी का मान किया,
जिनकी शहादत आज भी
गुमनाम है युगों से कहीं,
उनका हर क्षण जोश से,
हमने नतमस्तक सम्मान किया।


#उत्साही